हम सब ने कभी ना कभी भारतीय रेल में सफ़र जरुर किया है. रेल में सफ़र करने का अपना अलग ही मज़ा है.
आपने रेल के बारे में काफी फेक्ट्स सुने होंगे लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे है वो शायद ही आपको पता होगा.
रेल के हर कोच पर कुछ नंबर लिखे होते है. क्या अपने कभी सोचा है की उस नंबर का क्या मतलब होता है?
इन नम्बरों को कोच नम्बर कहा जता है जो पांच अंको का होता है.
शुरुआत के दो अंक साल को दर्शाते है यानी किस साल में यह कोच बना है यह दर्शाता है.
क्या होता है इन अंको का अर्थ?
आखरी तिन अंक कोच के प्रकार को दर्शाता है यानी कोच किस प्रकार या टाइप का है.
अगर किसी कोच पर लिखा है 99119 तो इस का मतलब हुआ की यह कोच 1999 में बना हुआ है और ११९ का मतलब है की यह AC कोच है.
रेल में १ से २०० तक के अंक AC कोच को दर्शाते है. अगर ५ अंको के कोड में पिछले ३ अंक २०० के अन्दर है तो इसका मतलब यह है की ये AC कोच है.
२०0-४०० के बिच के अंक स्लीपर कोच को दर्शाता है. वही ४००-६०० के बिच के अंक जनरल कोच को दर्शाता है.
६००-७०० अंक चेयर कोच को दर्शाता है. वही ७००-८०० अंक वाले कोच सिटिंग कम लगेज वाले कोच होते है.
८०० से ज्यादा अंक वाले कोच मेल भेजने के लिए है या फिर पैंट्री कार है या जनरेटर कोच है.
आखिर ट्रेन के डिब्बे पर क्यों बनाई जाती हैं पीली और सफेद रंग की पट्टियां?
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