मूनलाइटिंग क्या है? विप्रो ने क्यों निकाले अपने 300 कर्मचारी?
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क्या है मूनलाइटिंग?
एक कंपनी के साथ जुड़े होने के बावजूद चोरी छिपे दूसरी कोम्पिटीटर कंपनी के लिए काम करने वाले कर्मचारी के काम को मूनलाइटिंग कहा जाता है.
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मूनलाइटिंग ही क्यों कहा जाता है?
सामान्य: नौकरी का समय सुबह 09 से शाम 05 बजे का होता है वहीँ दूसरी नौकरी रात में की जाती है इसीलिए इसे मून लाइटिंग कहा जाता है.
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IT कंपनी के कर्मचारी राडार पर
खास कर IT से जुड़े कर्मचारी मून लाइटिंग करते पाए गए है. इस का चलन कोरोना काल से बढ़ा है.
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बड़ी कंपनी को पसंद नहीं मूनलाइटिंग
आप को बता दे की इस से पहेले भी IT की बड़ी कंपनी जैसे infosys, IBM, TCS जैसी बड़ी कंपनी ने मूनलाइटिंग को लेकर आपति जता चुके है.
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किसने आवाज उठाई?
विप्रो के चेरमेन रशीद प्रेमजी ने ओल इंडिया मेनेजमेंट एसोसियेशन के कार्यक्रम में मूनलाइटिंग को लेकर आवाज उठाई.
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मूनलाइटिंग का विरोध
बड़ी टेक कंपनी जैसे Wipro, Infosys, TCS,IBM मूनलाइटिंग को लेकर आपति जता चुके है.
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मूनलाइटिंग का समर्थन
टेक कंपनी महिंद्रा और फ़ूड डिलीवरी पार्टनर स्विगी ने मूनलाइटिंग का समर्थन किया है.
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विप्रो ने 300 कर्मचारियों को किया टर्मिनेट
इसी के चलते विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियो को नोकरी से हटाने का फेसला लिया है.
कामेडियन राजू श्रीवास्तव की कुछ अनजानी बाते.
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शायद ही आपको राजू की यह बाते पता होगी.
Image Credit: instagram
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