वो जो शोर मचाते है भीड़ में,
भीड़ ही बनाकर रह जाते है,
वही पाते है जिंदगी में कमियाबी,
जो ख़ामोशी से, अपना काम करते है.

संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है, जिस-जिस पर ये जग हँसा है,
उसी ने इतिहास रचा है.

रूकावटे आती है सफलता की राहों में, ये कौन नहीं जानता,
फिर भी वह मंजिल पा ही लेता है,
जो हार नहीं मनाता.

चलता रहूंगा रास्ते पर
चलने में माहिर बन जाउंगा,
या तो मुझे मंजिल मिल जायेगी,
या में अच्छा मुसाफिर बन जाऊँगा.

सफलता की राहो पर
हजारो मुश्किलें आएगी,
रुकना मत ए हमसफ़र नहीं तो, सफलता दरवाजे से लौट जाएगी.

अभी अँधेरी रात है तो,
कल सवेरा भी आयेगा,
तू महेनत करते रहे,
एक दिन तेरी सफलता का
सवेरा भी आएगा.

कुछ नहीं मिलाता दुनिया में
महेनत के बगैर,
मेरा अपना साया भी मुझे,
धुप में आने के बाद मिला.

क्या सफलता पाएगा वो जो
रहता निर्भर गैरो पर,
मंजिल तो उसके कदमो में है,
जो चलता अपने पैरो पर है.

महेनत इतनी कर की
उसमे तुजे कभी कोई कमी ना लगे, खुद को इस काबिल बना की
हर शक्श सिर्फ तुज जैसा बनाने की चाह रखे.

कुछ नाकामियाँ
मुजमे रहने दीजिए जनाब,
मुझे खुदा नहीं सिकंदर बनना है.

अगर आपने प्यार में धोखा खाया है तो ये बेवफा वाली शायरी आपके लिए है अभी पढ़े..

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