विश्वास बन के लोग
जिंदगी में आते है,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है, पहेले यकीन दिलाते है की
वो हमारे है, फिर न जाने
क्यों बदल जाते है.

तुफानो से आँख मिलाओ,
सैलाबों पर वार करो,
मल्लाहो का चक्कर छोड़ो,
तैर के दरिया पार करो.

फूंक डालूँगा मै किसी रोज
दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है
की जला ना सकू.

अब तो हर गली का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजारी है तेरे शहर में आते जाते.

आँखों में पानी रखो,
होठों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबे
बहुत सारी रखो.

एसा लगता है लहू में हमको,
कलम को भी डूबना चाहिए था,
अब मेरे साथ रह के तंज ना कर, तुजे जाना था जाना चाहिए था.

अब ना मै हु, ना बाकी है ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर है शहेरो में फ़साने मेरे.

अंदर का जहर चूम लिया
धुल के आ गए,
कितने शरीफ लोग थे
सब खुल के आ गए.

न हम सफ़र न किसी हम-नशी से निकलेगा,
हमारे पावं का काँटा हमी से निकलेगा.

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था,
मै बेच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था.

याद रखना सपने तुम्हारे है तो पूरा तुम ही करोगे,
ना ही हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे और न ही लोग.

चुप रहना मेरी ताकत है
कमजोरी नहीं, और अकेला रहना मेरी आदत है,
मेरी मजबूरी नहीं.

सच्चे प्यार की छोटी सी कहानी जरुर पढ़े!

NEXT

Find Out More