जब वो शक्श दिल से ही उतर गया, तो फिर क्यों सोचे की किधर गया.
जो हमारी नफ़रत के भी लायक नहीं थे, हम उन्ही से बेशुमार प्यार कर बैठे.
नफ़रत हो जायेगी तुजे अपने ही किरदार से,
अगर मै तेरे ही अंदाज में तुजसे बात करू.
ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफ़रत,
अपना अपना कर्ज था, दोनों अदा करते गये.
मुझे शिकवा मेरे नफ़रत करने वालों से नही है,
शिकवा तो मुझे मुजसे जूठी महोब्बत करने वालों से है.
नफ़रत मत करना हमसे,
हमें बुरा लगेगा,
बस प्यार से कह देना की तेरी जरुरत नहीं है.
खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफ़रत करते है,
प्यार न सही नफ़रत ही सही,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते है.
एक ही अर्ज है,
बनावटी प्यार न कर मुजसे, इससे अच्छा तो,
नफ़रत कर मगर दिल से कर.
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफ़रत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है.
उसे नफ़रत से क्या डराओगे,
जिसे महोब्बत से ज्यादा,
नफ़रत ही मिली हो.
तुम नफ़रत का धरना क़यामत तक जारी रखना,
मै प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा.
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