UPSC Exam पास करने के बाद कैसे तय होती है IAS, IPS या IFS रैंक?
Credit: ittsmenikk
क्या आपको पता है?
UPSC यानि की संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है.
हर साल लाखो छात्र इस परीक्षा में बैठते है लेकिन कुछ ही छात्र सफल हो पाते है.
इस परीक्षा पास करने के बाद सरकार के अलग अलग विभागों में IAS, IPS IFS जैसे पदों पर नौकरी मिलती है.
आज हम आपको बताने वाले है की किस तरह IAS, IPS, IFS नौकरी के लिए रैंक कैसे निर्धारित किए जाते है. चलिए जानते है...
२४ सर्विसेज़ को २ केटेगरी में बांटा जाता है. पहली है ओल इंडिया सर्विस और दूसरी है सेन्ट्रल सर्विसेज़.
UPSC में कुल २४ सर्विसेज होती है.
IAS, IPS का चयन ओल इंडिया सर्विसेज़ के तहत होता है. चयन होने के बाद इन्हें राज्य सरकार या केंद्र शाशित प्रदेश का केडर दिया जाता है.
IAS, IPS का चयन
केन्द्रीय सेवाओं में ग्रुप A or ग्रुप B की सर्विसेज़ आती है. ग्रुप A के तहत IFS, IRS, IIS, जैसी सर्विसेज़ के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है.
सेंट्रल सेवाएं
UPSC की परीक्षा तिन चरण में ली जाती है. पहले प्रीलिम्स एग्जाम होता है, बाद में मैन्स और लास्ट में इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है.
परीक्षा का पैटर्न
इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर ओल इंडिया रेंक तय किया जाता है. अलग अलग केटेगरी के आधार पर रेंक तय होता है.
कैसे तय होता है रेंक?
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