हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए, पर “माँ “अकेली ही काफी है, बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!
माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा, ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा, रब हर एक माँ को सलामत रखना, वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा.
ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश … मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे..!!!
माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया जिसको निगाहों में बिठाया जाए रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये
“माँ” की एक दुआ जिन्दगी बना देगी, खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी… कभी भुल के भी ना “माँ” को रूलाना, एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी…!!
माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ, थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ, उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे, एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ
आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो!!
किसी ने रोजा रखा किसी ने उपवास रखा, कुबूल उसका हुआ जिसने अपने माँ-बाप को अपने पास रखा….!!
माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा, माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा, खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत, सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
सच में कोई किसी का नहीं होता, ये शायरी पढ़ने के बाद पता चल जाएगा. जरुर पढ़े!
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