दो शब्दों में सिमटी है मेरी महोब्बत की दास्तान
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गए.
ज़रा सा बात करने का तरिका सिख लो तुम भी,
उधर तुम बात करते हो इधर दिल टूट जाता है.
दिल टूटा है तो अपनी ही गलती से, उसके कब कहा था की महोब्बत कर.
कभी अधूरा सा कुछ कहूँ तो तुम पुरा समज जाना.
हर तरफ ढूंढ उसे अब तो कदमो ने भी हार मान लिया.
दिल टूटा है तो रोना तो आएगा ही, पर तेरे सामने रो कर करेंगे भी क्या, जब दिल तोड़ने वाला शक्श ही तू है.
किसी गैर की बाहों में क्या तुम सुकून पाओगे,
क्या तुम उसे भी मेरे जैसा इश्क कर पाओगे.
रोने दो आज जी भरकर ऐ दिल जनाजा दुनिया को भी दिखना चाहिए, अपनी बर्बादी का.
लफ्जो की दहलीज़ पर घायल जुबान है, कोई तन्हाई से तो कोई महफ़िल से परेशान है.
प्यार सच्चा है तभी तो इंतज़ार है वरना आज,
के ज़माने में एक के बाद दूसरा तैयार है.
रूह-ए-बसर होने तक,
तुजको खबर होने तक,
मैं दिल को तोड़ जाऊँगा,
मै घर को लौट जाऊँगा.
सच्चे प्यार की छोटी सी कहानी जरुर पढ़े!
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