निकाल दिया उसने हमें अपनी जिंदगी से भीगे कागज़ की तरह,
न लिखने के काबिल छोड़ा,
ना जलने के.

अनजाने में उससे महोब्बत हो गई, और फिर महोब्बत करके वो हमसे, अनजान हो गए.

हमारी बर्बादी का तो कोई शिकवा नहीं है हमें,
अफसोस सिर्फ इतना है की तूने साथ क्यों नहीं दिया.

हमें न देख ज़माने की गर्द आँखों से, तुजे खबर नहीं,
हम तुज को कितना चाहते है.

जहर का भी अजीब हिसाब है, मरने के लिए जरा सा,
मगर ज़िंदा रहने के लिए,
बहुत सारा पीना पड़ता है.

रखा करो नज़दीकियाँ,
जिन्दगी का भरोसा नहीं,
फिर कहोगे चुपचाप चले गए,
और बताया भी नहीं.

यारो जो कभी हमारी आँखों में एक आसूं भी नहीं देखा करता था, अफसोस आज,
वही हमारी बहते आसुंओ की वजह है.

अपने अंदर दर्द को बस कुछ यूँ छुपा रहे है,
आंसू आँखों में रोककर जबरन मुस्कुरा रहे है.

दिल तोड़ना बड़े अछे से आता है उसे, जब भी मिलता है,
सिर्फ जख्म ही देता है.

मुझे यकीन है
एक दिन तुम लौट आओगे,
फिर चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो.

ये लकीर, ये नसीब, ये किस्मत,
सब फरेब है,
आईने है हाथो में,
तेरा हाथ होने से ही, मुकम्मल जिंदगी के मायने है.

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