आंसूं की बूंदों को नूर कर दिया,
तनहा जीने के लिए मज़बूर कर दिया, ये कैसा खेल खेका तकदीर ने मेरे साथ, जो दिल के करीब था मेरे,
उसको ही मुजसे दूर कर दिया.
महोब्बत का मेरा सफ़र आखरी है,
ये कागज़ कलम ये ग़ज़ल आखरी है, मै फिर ना मिलूँगा कही ढूंढ लेना,
तेरे दर्द का ये असर आखरी है.
कागज़ पे हमने भी जिंदगी लिख दी, अश्क से सींच कर उनकी ख़ुशी लिख दी, दर्द जब हमने उबारा लफ्जों पे, लोगो ने कहा वाह क्या ग़ज़ल लिख दी!
हम से हम को ही चुरा के ले गए,
दिल से हमारे सारे अरमान ले गए,
ना करना कभी किसी से प्यार,
जो कहते थे अपना वो,
हमारी ही जान ले गए.
यह आरजू नहीं की किसी
को भुलाए हम,
न तमन्ना है की किसी को रुलाए हम,
जिसको जितना याद करते है,
उसे भी उतना याद आये हम.
कभी दर्द है तो दवा नहीं,
जो दवा मिली तो शिफा नहीं,
जो जुल्म करते है इस तरह,
जैसे मेरा कोई खुदा नहीं.
हर पल यही सोचता रहा की,
कहा कमी रह गई थी मेरे चाहत में, उसने इतनी सिद्दत से मेरा दिल तोडा, के आज तक नहीं संभल पाए.
छिपा कर दर्द अपनी हसीं में मै अन्दर से खोखला हो रहा हूँ,
क्या सुन सकता है तू मेरी आवाज,
मै आज भी सिर्फ तेरे लिए रो रहा हूँ.
बस सह सकता हूँ इस दर्द को,
कहने को कुछ बचा नहीं है,
उसके जाने के बाद जिंदगी मै,
अब और कुछ रहा नहीं है.
जो दिल में बस जाया करते है,
वो अक्सर दिल तोड़ जाया करते है, कुछ लोग दर्द को बयान नहीं करते है, बस चुपचाप बिखर जाया करते है.
हर वक्त तेरे आने की आस रहती है, हर पल तुजसे मिलने की प्यास रहती है, सब कुछ है यहाँ बस तू नहीं, इसीलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है.
कितना मजा ले रहे है लोग,
मेरे दर्द-ओ-गम का,
ए इश्क देख तूने तो मेरा,
तमाशा ही बना दिया.
सच्चे प्यार की छोटी सी कहानी जरुर पढ़े!
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