जूठी महोब्बत वफ़ा के वादे
साथ निभाने की कसमे
इतना सब किया तुमने
सिर्फ मेरे साथ वक्त गुजारने के लिए.

वफ़ा का दरिया कभी रुकता नहीं, महोब्बत में प्रेमी कभी ज़ुकता नहीं, किसी की खुशियाँ के खातिर चुप है,
पर तू ये न समज़ना की मुझे दुखता नहीं.

यकीं था की तुम भूल जाओगे मुजको खुशी है की तुम उम्मीद पर खरे उतरे.

रोज पिलाता हूँ
एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल मै है मरता ही नहीं.

एहसास मिटा,
तलाश मिटी, मिट गई उम्मीदें भी, सब मिट गया,
पर जो न मिटा वो है यादे तेरी.

हम तेरा हाल पूछते भी तो कैसे,
सुना है,
महोब्बत करने वाले बोलते कम,
रोतें ज्यादा है.

मुझे किसी के बदल जाने का गम नहीं,
बस कोई था जिस पर खुद से ज्याद भरोसा था.

पल पल मुश्किल से कट रहा है,
अब तेरी कमी खल रही है,
बाहर से शांत हूँ मगर,
जुदाई की आग अंदर जल रही है.

कभी मिले फुर्सत तो
इतना जरुर बताना
वो कौनसी महोब्बत थी
जो हम तुम्हे ना दे सके.

हालात कह रही है
अब मुलाक़ात नहीं होगी मगर उम्मीद कह रही है जरा इंतजार कर!

अकेलापन दूर करे हमारी ये Alon शायरी फॉर गर्लफ्रेंड अभी पढ़े.

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