मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारे से अश्क,
पूछ रहे है पलको से तेरी बेवफाई की वजह
धीरे धीरे दूर होते गए,
वक्त के आगे मजबूर होते गए,
इश्क में हमने ऐसी चोट खाई,
हम बेवफा और वो बेकसूर होते गए!
अजब चराग हु, दिन रात जलता रहता हु,
मै थक गया हु हवा से कहो बुजाये मुझे!
रूक जाती है सारी शिकायते इन होठों तक आकर,
जब मासूमियत से वो कहते है अब मैंने क्या किया?
मेरी वफ़ा के बदले बेवफाई ना दिया कर,
मेरी उम्मीद ठुकरा के इनकार न किया कर,
तेरी महोब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे,
जान भी चली जायेगी, इम्तिहान न लिया कर!
महोब्बत की भी देखो कैसी अजीब सी कहानी है,
जहर पीया था मीरा ने दुनिया राधा की दीवानी है!
उसने बेवफाई में सभी हदे पार कर दी,
महोब्बत का नाटक हमारे साथ और वफ़ा किसी गैर के साथ!
अपने तजुर्बे की आजमाइश की जिद थी,
वर्ना हमको था मालुम की तुम बेवफा हो जाओगे!
रुश्वा क्यों करते हो तुम इश्क को ऐ दुनिया वालो,
महेबुब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क का क्या गुनाह!
हमने वक्त से बहोत वफ़ा की,
लेकिन वक्त हमसे बेवफाई कर गया,
कुछ तो हमारे नसीब बुरे थे,
कुछ उनका हमसे जी भर गया!
10 सबसे अच्छी रोमेंटिक शायरी अपने चाहने वालो के साथ पढ़े और शेर करे.
NEXT
Find Out More