तेरी चाहत का रंग चढ़ा है मुज पर
वो उतरे तो होली खेलू...!
जी लो हर लम्हा बित जाने से पहले
लौट कर यादें आती है वक्त नहीं...!
शांत बने रहो जब तक तुम्हारा
सही वक्त नहीं आ जाता...!
खुली किताब होने का क्या फ़ायदा
जब पढ़ने वाले की आँखें ही बंध हो..!
मत छोड़ उसको उसके हाल पर
क्या पता उसके पास
तेरे सिवा कोई न हो...!
जिसने तुम्हे चाहा नहीं माँगा नहीं
उसे तुम मिल जाओ ये इन्साफ थोड़ी है.!
हर शख्स ने अपने तरीके से इस्तिमाल किया हमें
और हम समझते रहे की लोग हमें पसंद करते है..
जिम्मेदारियों की एक खूबी होती है
ये आपको कभी बिगड़ने नहीं देती..!
तुमसे क बार फिर मिलना है
हाँ बिलकुल पहली बार की तरह..!
करीब उससे रहो
जो तुमसे दूर ना रह सके..!
आपको कैसे पता चलेगा की यह प्यार है या आकर्षण? जाने अभी!
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