कितनी अजीब है
इस शहर की तन्हाई भी हजारो लोग है मगर कोई उस जैसा नहीं है.

आज इतना तनहा महसूस किया
खुद को जैसे लोग दफना कर चले गए हो.

मै खुश था दीया होकर,
मुझे क्या पता था की,
मुझे हवा से महोब्बत हो जाएगी.

जानता पहले से था मै,
लेकिन एहसास अब हो रहा है
अकेला तो बहुत समय से हूँ मैं
पर महसूस अब हो रहा है.

कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो, कभी तनहा न छोड़ते मुझे.

उस मुकाम पे आ गई है ज़िन्दगी जंहा,
मुझे कुछ चीज़े पसंद तो है,
पर चाहिए कुछ नहीं.

अकेले आने और अकेले जाने के बिच अकेले जीना सीखना ही जिंदगी है.

जिंदगी में इन्सान उस वक्त टूट जाता है,
जब सब कुछ पास होकर भी वह अकेला रह जाता है.

तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच,
आखिर चाँद भी अकेला रहता है सितारों के बिच.

अकेले एक जगह पर बैठने का भी एक अलग ही एहसास होता है,
यहाँ सोचने का एक सुनहरा मौक़ा मिलाता है.

अगर आपने प्यार में धोखा खाया है तो ये बेवफा वाली शायरी आपके लिए है अभी पढ़े..

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